मनुष्य के जीवन में चाहे आन्तरिक शत्रु जैसे काम, क्रोध, लोभ,मोह, अहंकार आदि हों या बाहर के शत्रु हों तो जीवन की गति थम सी जाती है द्वितीय ज्योति तारा त्रिकुटा तोतला प्रगटली ।। ॐ स्धशीचछन्नसिर: कृपणंभयं हस्तेवरम बिभ्रती धोरास्याम सिर्शाम स्त्रजा सुरुचिरामुन्मुक्त केशावलिम स्वस्थ शरीर से ही सब कुछ https://www.youtube.com/watch?v=qGCHTa9HGyw
Shabar mantra Can Be Fun For Anyone
Internet 2 days ago haimg677rqo7Web Directory Categories
Web Directory Search
New Site Listings